मालूम न हुआ कब हुए जवां हम ||
पार कर गए बचपन की आस्तां हम ||
तब भी वालिदा को लगे तिफ्ल ही ,
करके तरक्की छू लें आसमां हम ||
अब ना है कुछ छिपाने की जरूरत ,
जब हो गए हैं तेरे राजदां हम ||
उनसे दूर है तो क्या हुआ फिर ,
उनको आज भी भूले हैं कहाँ हम ||
गुजरें है "नजील" उनकी गली से ,
अक्सर देकर इश्क का इम्तिहां हम ||
पार कर गए बचपन की आस्तां हम ||
तब भी वालिदा को लगे तिफ्ल ही ,
करके तरक्की छू लें आसमां हम ||
अब ना है कुछ छिपाने की जरूरत ,
जब हो गए हैं तेरे राजदां हम ||
उनसे दूर है तो क्या हुआ फिर ,
उनको आज भी भूले हैं कहाँ हम ||
गुजरें है "नजील" उनकी गली से ,
अक्सर देकर इश्क का इम्तिहां हम ||