आये है मोड़ ऐसा हर जिन्दगानी में ||
किसको कह दे बुरा और किसे कहें अच्छा ,
कोई किरदार ना है अपनी कहानी में |
हम कैसे कामयाब होते अपने मकसद में,
सबसे कमजोर जो थे हम दिल-सितानी में |
आसान किस तरह कहें सफरे-मुहब्बत को,
आयें लाखों मुशिकलें इस की रवानी में |जो दी थी उसने कभी उल्फत की निशानी में
बेहतरीन प्रस्तुती....
ReplyDeleteगणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ.
धन्यवाद रीना मौर्या जी ....हार्दिक आभार . आपको भी गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ.
Deletebahut sundar
ReplyDeleteधन्यवाद ओंकार जी उत्साहित करने हेतु हार्दिक आभार
Deleteगणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ.
बहुत सुंदर बेहतरीन प्रस्तुति,अच्छी रचना,..
ReplyDeleteWELCOME TO NEW POST --26 जनवरी आया है....
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए.....
thanx Dheerendra ji
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